भावनात्मक एकता की राह में बढ़ते हुए हर पत्थर (जीवन के अनुभवों) से एक उपास्य मूर्ति बना सकें.
3.
अब इन बाहर की प्रतिमाओं की अपेक्षा गर्भगृह के अन्दर संस्थापित उपास्य मूर्ति के सौंदर्य को अधिक मूल्य दिया जाने लगा।
4.
मतलब यह है कि हर एक व्यक्ति अपनी उपास्य मूर्ति को सच्चा बताता है और दूसरों की उपास्य मूर्ति को गलत।
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मतलब यह है कि हर एक व्यक्ति अपनी उपास्य मूर्ति को सच्चा बताता है और दूसरों की उपास्य मूर्ति को गलत।
6.
मीरा का आराध्य मुरलीधर मन्दिर उदयपुर के राजमहल में विराजमान प्रतिमा को मीरां की उपास्य मूर्ति प्रमाणित करने वाले पुरातत्ववेत्ता कौन थे, यह आज तक भी नहीं बताया गया है।
7.
देवीसिंह मंडावा का मत इस प्रकार कि मीरां की उपास्य मूर्ति मेड़ता के चतुर्भुज जी के मंदिरों में, दूसरी नूरपुर के गिरी दुर्ग में, मुरलीधरजी के विशाल देवालय में प्रतिष्ठित है।
8.
मीरा का आराध्य मुरलीधरजी मन्दिर ` घाणेराव ' मीरां के उपास्य मूर्ति के बारे में अनेक प्रस्तुतीकरण करणों के आलेख है, जिसमें मीरां के उपास्य मूर्ति राणा अमरसिंह ने दे दी थी-इस प्रकार उदयपुर के राजमहलों तथा आमेर के जगत शिरोमणी मंदिर में पंडित झावरमल शर्मा ने इस विवाद पर अपने लेख में दो और मूर्तियों का उल्लेख किया है, जिन्हें मीरां का उपास्य माना जाता है।
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मीरा का आराध्य मुरलीधरजी मन्दिर ` घाणेराव ' मीरां के उपास्य मूर्ति के बारे में अनेक प्रस्तुतीकरण करणों के आलेख है, जिसमें मीरां के उपास्य मूर्ति राणा अमरसिंह ने दे दी थी-इस प्रकार उदयपुर के राजमहलों तथा आमेर के जगत शिरोमणी मंदिर में पंडित झावरमल शर्मा ने इस विवाद पर अपने लेख में दो और मूर्तियों का उल्लेख किया है, जिन्हें मीरां का उपास्य माना जाता है।